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तसला / लीलाधर मंडलोई
Kavita Kosh से
ईंट, गिट्टी ढोते हुए
बेडौल हो गया है यह तसला
कितनों दिनों से
बजाना इसे बंद हुआ
एक उम्र से जैसे
गाना मेरा बंद हुआ