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तितली / दिनेश बाबा
Kavita Kosh से
तितली एक देवाली पर
वहीं सुबचनी जाली पर
पकड़ै के मनसूबा में
छलै बिछुतिया टेबा में
तितली के सुन्दर छै आँख
होकरा से सुन्दर छै पाँख
कलेॅ-कलेॅ हौ ठीक गेलै
तितली के नजदीक गेलै
टिकटिकिया खूंखार बड़ी
झपटै लेॅ तैय्यार खड़ी
मतर पकड़ के पहिनें तितली
उड़ी गेलै बेकहिने तितली
खीझी होकरो चाली पर
बैठलै उड़ी केॅ डाली पर