तिरे बग़ैर ये दुनिया बनी तो क्या होगी
मिरे वजूद में तेरी कमी तो क्या होगी
बहुत सुना है करिश्मा है ये अनासिर<ref>पंचतत्त्व (elements)</ref> का
तिरे बग़ैर मगर ज़िन्दगी तो क्या होगी
हरेक आशना नाकाम ही तो लौटा है
मुझे रक़ीब<ref>प्रतिद्वन्दी (competitor (in love-interests))</ref> से फिर दुश्मनी तो क्या होगी
कहाँ से चल के ये आयी है इस समन्दर तक
किसी नदी में भला तिश्नगी<ref>प्यास (thirst)</ref> तो क्या होगी
तिरा जमाल<ref>सौन्दर्य (beauty)</ref> फ़रोज़ाँ<ref>चमकता हुआ (shining)</ref> तो ख़ुद से है फिर भी
मिरी नज़र के बिना दिलकशी तो क्या होगी
जिसे तलाश करें फ़लसफ़े उसूलों में
हक़ीक़तों में वही सादगी तो क्या होगी
सभी हैं आग के गोले सभी हैं दूर बहुत
भला नुजूम<ref>सितारे ( stars)</ref> से वाबस्तगी<ref>रिश्ता (relationship)</ref> तो क्या होगी
हरेक शख़्स अँधेरे का कारख़ाना है
जले चराग़ मगर रौशनी तो क्या होगी
खड़े हैं देवता मन्दिर में असलहे लेकर
डरेंगे लोग मगर बन्दगी तो क्या होगी