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तीन दिना दोइ रात बरन नोनो मूँदियो / बुन्देली
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बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
तीन दिना दोइ रात बरन नोनो मूँदियो।
मूँदो मूँदो जिठनिया की जीभ बरन ऐसो मूँदियो।
मकरी माछी मूँदियो मूँदों पगरेतन की जीभ।
बिच्छू किच्छू मूँदियो मूँदों जेठे बड़न की जीभ।
आँधी बैहर मूँदियों मूँदों कुटुम भरे की जीभ।
तीन दिना दोई रात असुभ नोनो मूँदियो।