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तीन हाइकु / मदन डागा
Kavita Kosh से
1.
एक बूँद ने
चमक दूर से
प्यास जगा दी!
2.
बूँदें टपकीं
मन हरषा कर
वाष्प हो गईं!
3.
जीवन जैसे
तपे बदन पर
टपकी बूँदें!