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तीसरी पारी-2 / खेया सरकार
Kavita Kosh से
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-इतनी देर हो गई?
"ऑफ़िस चेहरा देख महीना नहीं देता।"
-रोज़ रात को जागने से तबियत ख़राब हो जाएगी'
"काम का दबाव जो है, जागना ही पड़ता है।"
मूल बंगला से अनुवाद : कुसुम जैन