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तीसरे पहर का चित्र-2 / विजयदेव नारायण साही
Kavita Kosh से
पास की बँसवट से
अचानक चिड़ियों की चहचहाहट
शायद वह मोटी काली बिल्ली
जो कभी-कभी मुंडेर पर
पूँछ उठाए दिख जाती है
नाले को पार कर रही होगी।