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तुझको पुकारे मेरा प्यार / साहिर लुधियानवी
Kavita Kosh से
आऽऽ जाऽऽ आऽऽ जाऽऽ आऽऽ जाऽऽ
तुझको पुकारे मेरा प्यार
आजा, मैं तो मिटा हूँ तेरी चाह में
तुझको पुकारे मेरा प्यार
दोनो जहाँ की भेंट चढ़ा दी मैने राह में तेरी
अपने बदन की खाक़ मिला दी मैने आह में तेरी
अब तो चली आ इस पार
आजा मैं तो मिटा हूँ ...
इतने युगों से इतने दुखों को कोई सह ना सकेगा
मेरी क़सम मुझे तू है किसीकी कोई कह ना सकेगा
मुझसे है तेरा इक़रार
आजा, मैं तो मिटा हूँ ...
आखिरी पल है आखिरी आहें तुझे ढूँढ रही हैं
डूबती साँसें बुझती निगाहें तुझे ढूँढ रही हैं
सामने आजा एक बार
आजा, मैं तो मिटा हूँ ...