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तुममें मैं / मनीष मूंदड़ा
Kavita Kosh से
मैं कितना हूँ तुममें
यह तुम्हारी ख़ामोशी सुनाती है मुझे
मैं कितना हूँ तुममें
यह तुम्हारी जि़द समझाती है मुझे
मैं कितना हूँ तुममें
तुम्हारे ये सपने दिखाते हैं मुझे
मैं कितना हूँ तुममें
तुम्हारी लिखी हर बात में दिख पड़ता हूँ मैं
मैं कितना हूँ तुममें
तुम्हारी आँखों की नमी मेरे मन पर महसूस होती है
मैं कितना हूँ तुममें
शायद जितने तुम हो मुझमें
या फिर उससे भी कहीं ज्यादा