भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

तुम्हारा जादुई आवरण / अशोक लव

Kavita Kosh से
(तुम्हारा जादुई आवरण/ अशोक लव से पुनर्निर्देशित)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

तुम्हारा जादुई आवरण/ अशोक लव


मेरी स्मृति पर
निरंतर दस्तक देते तुम
बाँध लेते हो
मेरी अस्मिता को |
जुड़ जाती हूँ तुमसे
जैसे नदी,सागर से
एक साथ
जादुई आवरण हो जैसे अभिलाषाओं का
अंतहीन,अनदेखा अछूता |
एक स्पर्श/छू जाये कुआरी साध को
सुहाग चुनरी की
झिलमिलाती आभा से |
एक मन/उद्वेलित तुमसे
चिर पिपासित चातक
हेरे नूतन घन |
एक उन्माद
जैसे व्याकुल हो नदी
अपने कूल तोड़ने को |
भीषण गर्मी में
तारकोल पिघलाती सड़क को
कर दे परिवर्तित क्षण भर में
कोमल मखमली दूर्वा में
तुम्हारे अस्तित्व की महक
और सजा दे उन स्वप्नों को
जो है केवल मेरे सपने |