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तुम्हारे नाम / नंदकिशोर आचार्य
Kavita Kosh से
तुम्हारे नाम ही
रचता रहूँगा मैं:
और क्या होती है कविता -
यों शब्द के अस्तित्व होने के सिवा ?
(1987)