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तुम्हारे हाथ और उनके झूठ के बारे में / नाज़िम हिक़मत

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तुम्हारे हाथ
पत्थरों की तरह संगीन.
जेल में गाए गए तमाम गीतों की तरह मनहूस,
बोझ ढोनेवाले जानवरों की तरह अनाड़ी, सख़्त
और भूखे बच्चों के चेहरों की तरह नाराज़ हैं।

मधुमक्खियों की तरह कुशल और सहनशील,
दूध से भरी छातियों की तरह भरपूर,
कुदरत की तरह दिलेर,
और अपनी खुरदरी खाल में दोस्ताना अहसास छुपाए
तुम्हारे हाथ।

यह दुनिया बैल के सींग पर नहीं टिकी है,
तुम्हारे हाथों ने सम्हाल रखी है यह दुनिया।

और लोगो, मेरे लोगो,
वे तुम्हें झूठ परोसते रहते हैं,
जबकि तुम भूख से मर रहे हो,
तुम्हें गोस्त और रोटी खिलाने की ज़रूरत है.
और सफ़ेद कपड़े से ढकी मेज़ पर एक बार भी
भर पेट खाए बिना ही
तुम छोड़ देते हो यह दुनिया
जिसकी हर डाली पर लदे हुए हैं
बेशुमार फल।

लोगो, मेरे लोगो,
खासकर एशिया के लोगो, अफ़्रीका के लोगो,
पश्चिमी एशिया, मध्य एशिया, प्रशान्त द्वीप के लोगो,
यानी धरती के सत्तर फ़ीसदी लोगो,

अपने हाथों की तरह तुम बूढ़े और भुलक्कड़ हो,
बेकल, अनोखे और जवान हो अपने हाथों की तरह।

लोगो, मेरे लोगो,
मेरे अमरीकी लोगो, मेरे यूरोपीय लोगो,
तुम फुरतीले, साहसी और लापरवाह हो अपने हाथों की तरह,
अपने हाथों की तरह ज़ल्दी राजी हो जानेवाले,
आसान है तुमसे पीछा छुड़ाना….

लोगो, मेरे लोगो,
अगर टी० वी० और रेडियो झूठ बोलते हैं,
अगर किताबें झूठ बोलती हैं,
अगर दीवार के पोस्टर और अख़बारों के इश्तहार झूठ बोलते हैं,
अगर परदे पर लड़कियों की नंगी टाँगे झूठ बोलती हैं,
अगर प्रार्थनाएँ झूठ बोलती हैं,
अगर लोरियाँ झूठ बोलती हैं,
अगर सपने झूठ बोलते हैं,
अगर शराबख़ाने का साज़िन्दा झूठ बोलता है,
अगर मायूसी भरी रात में चाँदनी झूठ बोलती है,
अगर अल्फाज़ झूठ बोलते हैं
अगर रंग झूठ बोलते हैं,
अगर आवाज़ें झूठ बोलती हैं,
अगर तुम्हारे हाथों को छोड़कर,
तुम्हारे हाथों के सिवा
हर चीज़ और हर शख़्स झूठ बोलता है,
तो यह सारी कवायद तुम्हारे हाथों को
मिट्टी के लोंदे की तरह फ़रमाबरदार,
अँधेरे की तरह अन्धा,
और कुत्ते की तरह भोंदू बना देने के लिए है,
ताकि तुम्हारे हाथ घूँसों में,
बगावत में तब्दील न हो जाएँ,
और इसलिए कि इस नाशवान, मगर जीने लायक दुनिया में
जहाँ हम मेहमान हैं इतने कम समय के,
सौदागरों की यह हुकूमत,
यह ज़ुल्म कहीं ख़त्म न हो जाए…

अंग्रेज़ी से अनुवाद : दिगम्बर