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तुम ने क्या चाहा होता / नंदकिशोर आचार्य


क्या चाहता हूँ मैं अपने लिए-
तुम्हें या तुम्हारी याद को ?
विधाता ने मुझ से पूछा।

मैं तब से तदद्दुद में हूँ
सोचता हुआ-
तुम ने क्या चाहा होता ?

या कि मुँह बिचका कर
हतप्रभ कर दिया होता
उस बूढ़े और कृपण विधाता को !

(1987)