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तुम भी हारे उसके बअद / दीपक शर्मा 'दीप'

तुम भी हारे उसके बअद
हम भी हारे उसके बअद

सब से पहले दर्द उठा था
बा क़ी सारे उस के बअद

 तंगी में दरिया डूबा, फिर
गये किनारे उस के बअद

रातें उस के रहते शबनम
दिन में तारे उस के बअद

बाबू, पागल, बच्चा, जान
कौन पुकारे उस के बअद

उन्स ख़िजां था मेरे रहते
और फुहारे उस के बअद

जाने कितने इन आँखों से
गिरे सितारे उस के बअद

 वो भी मेरे ब अद न सोया
मैं भी प्यारे! उस के बअद

गोदी में सर ले कर,कौन?
 दीप दुलारे उस के बअद