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तूने कौना के भरोसे घर छोड़ो रे बना / बुन्देली
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बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
तूने कौना के भरोसे घर छोड़ो रे बना।
मैंने आजी के भरोसे घर छोड़ो रे बना।
तोरी आजी कौ भरोसो मोय नइया रे बना।
तारौ दै कुची लै अइयो रे बना।
तूने कौना के ...
मैंने मइया के भरोसे घर छोड़ो रे बना।
तोरी मइया कौ भरोसो मोय नइया रे बना।
वे तो अटरिया पै सेजें लगावें औ सोवें बना।
तूने कौना के ...
मैंने काकी के भरोसे घर छोड़ो रे बना।
तोरी काकी कौ भरोसो मोय नइया रे बना।
वे तौ थारन भर-भर लड्डू बनावे औ खावें बना।
तूने कौना के ...
मैंने भौजी के भरोसे घर छोड़ो रे बना।
तोरी भौजी कौ भरोसे मोय नइया रे बना।
तारौ दै कुची लै लइयो रे बना।
वे तौ सैनन से यार बुलावे रे बना।
तूने कौना के ...
वे तो सब मौज उड़ावें औ उजाड़े रे बना।