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तेरा आना / रंजना भाटिया
Kavita Kosh से
उदास ज़िन्दगी में
भर जाती है
कुछ ....
उमंग सी नई
जब तुमसे
मिलने की चाह में
ख्यालो से भी
खुशबु आती है
तेरे आने की
खबर यूँ मिलती है
जैसे चाँदनी
नर्म तारों के बिस्तर
पर उतरती है
ख्वाब खिल जाते हैं
कई रंगबिरंगे
फूलों से
और ज़िन्दगी
फ़िर लम्हा -लम्हा
इन्ही सपनो को
जी लेती है ....
अब के जो आना
तो कुछ कह जाना
जो न कह सको
लफ्जों में
तो बस एक
मुस्कराहट
लबों से अपने
मेरे लबों को
दे जाना..