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तेरा नाम / राजेश गोयल
Kavita Kosh से
प्यार तेरा हो समाया, गीत ऐसा गा ना पाया।
हाथों में सुबह शाम, नाम लिख ना पाया॥
प्रेम की अराधना,
मौन रहना साधना।
पास भी हो दूर भी हो,
तुम नयन के बीच हो॥
हृदय के बीच तेरा, नाम लिख ना पाया।
प्यार तेरा हो समाया, गीत ऐसा गा ना पाया॥
चलते-चलते अब मैं हारा,
देखो फिर आया अंधियारा।
सोई पीड़ा जाग ना जाये,
मुझको तेरी याद ना आये॥
आँसू मेरी आँख का, कहानी सुना ना पाया।
प्यार तेरा हो समाया, गीत ऐसा गा ना पाया॥
पास मैं केवल निराशा,
बन गया तेरा दिवाना।
जिन्दगी से जूझ हारा,
जानता संसार सारा॥
जीवन की आशा को डौर बांध ना पाया।
प्यार तेरा हो समाया, गीत ऐसा गा ना पाया॥