तेरी शहनाई बोले / भरत व्यास
तेरी शहनाई बोले
सुन के दिल मेरा डोले
जुल्मी काहे को सुनाए ऐसी तान रे
बादल घिर घिर आए
पापी पपीहरा गाए
कैसे बस में रहे मेरी जान रे
बैरी बन के ये दुनिया खड़ी है
बैरी बन के ये दुनिया खड़ी है
मेरे पाँवों में बेड़ी पड़ी है
किन घड़ियों में अँखियाँ लड़ी हैं
बारों महीने सावन की झड़ी है
इक पल मुखड़ा दिखा जा
दिल का दुखड़ा मिटा जा
तुझ बिन सूना सूना मेरा है जहान रे
तेरी शहनाई बोले
सुन के दिल मेरा डोले
जुल्मी काहे को सुनाए ऐसी तान रे
आजा कब से मैं तुझको बुलाऊँ
आजा कब से मैं तुझको बुलाऊँ
तेरे प्यार के सपने सजाऊँ
जिया चाहे के उड़ के मैं आऊँ
पिया पंख कहाँ से मैं लाऊँ
मैं यहाँ तू वहाँ
बीच में है जहाँ
कैसे पूरे होँ अब अर्मान रे
बादल घिर घिर आए
पापी पपीहरा गाए
कैसे बस में रहे मेरी जान रे
तेरी शहनाई बोले
सुन के दिल मेरा डोले
जुल्मी काहे को सुनाए ऐसी तान रे