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तेरे कूचे को वोह बीमारे-ग़म दारुश्शफ़ा समझे / ज़ौक़

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तेरे कूचे को वोह बीमारे-ग़म दारुलशफा<ref>आरोग्य मंदिर </ref> समझे
अज़ल<ref>यमराज </ref> को जो तबीब <ref>वैद्य,चिकित्सक </ref> और मर्ग <ref> मृत्यु</ref> को अपनी दवा समझे

सितम को हम करम समझे जफ़ा को हम वफ़ा समझे
और इस पर भी न समझे वोह तो उस बुत से ख़ुदा समझे

समझ ही में नहीं आती है कोई बात ‘ज़ौक़’ उसकी
कोई जाने तो क्या जाने,कोई समझे तो क्या समझे

<KKMeaning>