तेरे घर के सामने इक घर बनाऊँगा / हसरत जयपुरी
चाहे आसमान टूट पड़े
चाहे धरती फट जाए
चाहे हस्ती ही क्यों न मिट जाए
फिर भी मैं ...
फिर भी मैं?
तेरे घर के सामने
इक घर बनाऊंगा, तेरे घर के सामने
दुनिया बसाऊँगा, तेरे घर के सामने
इक घर बनाऊँगा, तेरे घर के सामने
घर का बनाना कोई, आसान काम नहीं
दुनिया बसाना कोई, आसान काम नहीं
दिल में वफ़ायें हों तो, तूफ़ां किनारा है
बिजली हमारे लिये, प्यार का इशारा है
तन मन लुटाऊँगा, तेरे घर के सामने
दुनिया बसाऊँगा, तेरे घर के सामने
इक घर बनाऊँगा, तेरे घर के सामने
कहते हैं प्यार जिसे, दरिया है आग का
या फिर नशा है कोई, जीवन के राग का
दिल में जो प्यार हो तो, आग भी फूल है
सच्ची लगन जो हो तो, पर्वत भी धूल है
तारे सजाऊँगा, तेरे घर के सामने
दुनिया बसाऊँगा, तेरे घर के सामने
इक घर बनाऊँगा, तेरे घर के सामने
काँटों भरे हैं लेकिन, चाहत के रास्ते
तुम क्या करोगे देखें, उलफ़त के वास्ते
उलफ़त मे ताज़ छूटे, ये भी तुम्हें याद होगा
उलफ़त मे ताज़ बने, ये भी तुम्हें याद होगा
मैं भी कुछ बनाऊँगा तेरे घर के सामने
दुनिया बसाऊँगा, तेरे घर के सामने
इक घर बनाऊँगा, तेरे घर के सामने
फ़िल्म : तेरे घर के सामने (1963)