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तेरे होण की सुणकै एण्डी तुफान सिंह भी हाय्ल पड़े / राजेश दलाल

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तेरे होण की सुणकै एण्डी तुफान सिंह भी हाय्ल पड़े
बेटी देख या के बणी ये तै मिलकै मारण च्याल पड़े
 
अल्ट्रा सांउड मैं देखी तेरी करी जांच दे-ले कै
काबू कर्या डाक्टर गांधी-छाप लक्षमी देकै
बैठ गई मैं पूछ-पूछ आंसू च्यारूं पल्ले भे कै
पढ्या लिख्या कुणबा दीखै ना अकल किसे गधे कै
देवी सरस्वती कहै पूजै पर मौकै बोगस ख्याल पड़े
 
जो होज्या होज्या तै होज्या आगै बढण की भी बाण मनै
जालिम कुणबे खनदान अर गाम-समाज की जाण मनै
तू आती तै संकट ल्याती न्यू भी पक्की पिछाण मनै
बड्डी बेबे तेरी हुई घरके होगे थे ताण मनै
भिड़ा-भिड़ाकै मारी थी मैं पाट्टे साळ मैं बाळ पड़े
 
हो जाता जै जन्म तेरा ना मिलती सुख की सांस तनै
भाई तेरे हिस्से का चरे जा ना मिलै बावळी धांस तनै
छोर्यां की तू करती रीस तै मिलती गाळ पचास तनै
हाड-पैल में खपती तूं ये कित कहै थे शाबास तनै
भेद-भाव के षडयंत्र के घरके कदेए तै ढाळ पडै़
 
जो हमनै भोग्या वो दोगला संविधान तनै दे देते
आजादी-अधिकार छिन कै कन्यादान तनै दे देते
जोड़-तोड़ ला पति कहण नै श्रीमान तनै दे देते
अगले घर जां मिलै तावळे श्मशान तनै दे देते
रोज रंगे अखबार खून मैं ल्या गिणवाद्यं मिसाल पड़े
 
कहै राजेश छुपाकै नै कदे सरेआम मार जाणै
मन की मन मैं रहज्या सारी सुखाकै चाम मार जाणै
बच्ची-बुढ्ढी एकै बाढ्यै नीत-हराम मार जाणै
वफादार पितृसता के घोट तमाम मार जाणै
जवाब द्यो नै इस गाणे का स्यामी खुले सवाल पड़े