बस यहेॅ रं रहेॅ साथ तोरोॅ अगर 
तेॅ उमर भर अमर ई जवानी रहेॅ
साल पर साल बीतै तेॅ की बात छै, 
बस यहेॅ रं नजर, मूँ के पानी रहेॅ ।
	साल बितलै कनां ई पहेली होलै
	बस लगै छै कि कल के कहानी रहेॅ
	जिन्दगी एक सपना सुहानोॅ रहेॅ
	गुदगुदी सें सजैलोॅ पिहानी रहेॅ ।
लाज के घोंघटा छौं वहेॅ रं अभी, 
रात पैहलोॅ मिलन के कहानी कहेॅ
तों वहेॅ रं लजैथैं रहोॅ सब दिना 
तेॅ उमर तोरोॅ सबदिन सयानी रहेॅ ।