मां
पिता
और
भाई के
त्रिभुज के बीच
रेखाओं से टकराती
एक बिंदु-सी
बेटी,
आज भी
तलाश रही द्वार।
बेजान नहीं
जबकि
उसके पंख।
2010
मां
पिता
और
भाई के
त्रिभुज के बीच
रेखाओं से टकराती
एक बिंदु-सी
बेटी,
आज भी
तलाश रही द्वार।
बेजान नहीं
जबकि
उसके पंख।
2010