नीले या
हल्के आसमानी रंग को
पहनकर
निकली हो !
आसमान साड़ी में लिपटा है
या बँधा
तुम्हीं से दब रहा है ।
नीले आसमान में
चिड़िया साँस भर कर
ठहर जाती है ।
हल्के आसमानी
जलाशय में डुबकी मार
हंस
थाह लेता है नभ की गहराई की ।
रंग को समेटकर
तुम किस गहराई को थाह रही हो ।
मेरा मन :
साड़ी में लिपटे या बँधे-दबे
कुलबुलाते दिल में तुम्हारे ही
ठहर कर साँस लेता है ।
मेरा मन :
थाह लेता है
रंग को दबा कर तुम
कितनी दूर जाती हो !!
रचनाकाल : 1985