भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

थोड़े बड़े हुए तो हकीकत भी खुल गयी / सलमान अख़्तर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

थोड़े बड़े हुए तो हकीकत भी खुलगयी
स्कूल में सुना था कि भारत महान है

देखूं मिरे सवाल का देता है क्या जवाब
सुनता हूँ आदमी बड़ा जादू बयान है

गो देखने में मुझसे बहुत मुख्तलिफ है वो
अंदर से उसका हाल भी मेरे समान है