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थोड़े से दिन थ्वावस करो / मुंशीराम जांडली

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थोड़े से दिन थ्वावस करो आजादी रंग चा कर देगी
घी खाण्ड अनाज कपड़ा सोना-चांदी सस्ते भा कर देगी
गाम गाम मैं खुलैं मदरसे विधा पढ़ो मौज के म्हं
ताजे कपड़े घड़ी हाथ कै रहंगे नोट गोज के म्हं
होस्पीटल सफाखाने खुलज्यां एक दो तीन रोज के म्हं
सारे काम बणैं कल के ना टुटै नाड़ बोझ के म्हं
छुआछात का भूत काढ़ दो गोरमेंट न्या कर देगी
ऊंच नीच का ख्याल रहै ना देह्स एक सा कर देगी

कोठी कमरे फर्श गिलोरी पंखे लगै शाळ के म्हं
झांकी जंगळे लगै चुफेरै लूटो ऐश बाळ के म्हं
हरी पीळी लाल रोशनी बिजळी गाळ गाळ के म्हं
कुरसी मेज बिछै पलंग भोजन मिलै थाल के म्हं
साईकिल तांगे टमटम चालैं सब पक्के राह कर देगी
झगड़े बाजी मिटैं मुकदमे ठीक फैसला कर देगी

पाणी के नल फर्स लागज्यां ठंडे गरम फव्वारे हों
तेल फलेल इतर केसर कस्तूरी के छिड़कारे हों
सभी जगह पै नहर फिरैंगी बाग बगीचे न्यारे हों
सेब संतरे आम नारियल पीस्ते दाख छुहारे हों
उड़द गेहूं धान उपजै बर्षा ज्यादा कर देगी
कमती दान जनेती थोड़े बिना खर्च ब्याह कर देगी

एका मेल मिलाप करो कुछ फायदा नहीं बैर के म्हं
पाप कपट बेईमान छोड़ो ना फूको गात जहर के म्हं
सारी चीज हौवै खेतां मैं ना जाणा पड़ै शहर के म्हं
गऊ माता का कष्ट मिटैगा सूनी फिरै डैर के म्हं
गुरु हरिचंद कह रोटी मोटर खेतां मैं जाकर देगी
नगर जांडली छोटी गाणा “मुंशी राम” का कर देगी