भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

दक्षिण पवन बहु नहुँ-नहुँ / मैथिली लोकगीत

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

दक्षिण पवन बहु नहुँ-नहुँ पहुसँ मिलन हएत कबगहुँ
आँगन मोरा लेखे बिजुवन सूतक सेज विषम सन
फूजल केश निजुआयल गेरुआ मोहि न सोहायल
एहि अवसर पहु के पबितहुँ कर धए कंठ लगबितहुँ
आम मजरि महु तुअल, तैयो नहि पहु घूरल
दीप जरिय, जरिय ओरबाती, नैनक नोर भीजल छाती