आँगन का दरख़्त गिर जाने के बाद
उजागर हो सकता था
कौनसा सच
जड़ों का खोखला होना
या मिट्टी की कमज़ोर पकड़
कुछ दिन सूखे पत्ते खड़खड़ाए
और फिर मिट्टी का हिस्सा बन गए
हर दर्द, हर दुख को देखने का
अपना-अपना नज़रिया
खिड़की दरवाज़ों ने होंठ सी लिए
आँगन का दरख़्त गिर जाने के बाद
उजागर हो सकता था
कौनसा सच
जड़ों का खोखला होना
या मिट्टी की कमज़ोर पकड़
कुछ दिन सूखे पत्ते खड़खड़ाए
और फिर मिट्टी का हिस्सा बन गए
हर दर्द, हर दुख को देखने का
अपना-अपना नज़रिया
खिड़की दरवाज़ों ने होंठ सी लिए