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दर्प / निज़ार क़ब्बानी
Kavita Kosh से
जबसे मैं प्रेम में पड़ा हूँ
मैंने फारस के शाह को
बना लिया है
अपने अनुगामियों में से एक
और मेरे आदेश को शिरोधार्य करता है चीन ।
मैंने समुद्रों को खिसका दिया है
उनकी परम्परागत जगहों से
और अगर मैं चाहूँ
तो रोक सकता हूँ समय का गतिमान रथ ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : सिद्धेश्वर सिंह