भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

दसरथ के सुत चार भए / अंगिका लोकगीत

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

दसरथ के सुत चार भए दसरथ के सुत चार भए
आज महामंगल कोसलपुर दसरथ के सुत चार भए

कौन रानी के भरत सत्रुघन कौन रानी के भरत न हो
कौन रानी श्रीराम भए कौन रानी भगवान भए
आज महामंगल कोसलपुर दसरथ के सुत चार भए

आज महामंगल कोसलपुर दसरथ के सुत चार भए

कैकेयी सुमित्रा भरत सत्रुघन कैकेयी के भरत न हो
कौसल्या श्रीराम भए कौसल्या भगवान भए
आज महामंगल कोसलपुर दसरथ के सुत चार भए

आज महामंगल कोसलपुर दसरथ के सुत चार भए

कौन भाई को राज मिले हो कौन भाई को राज न हो
कौन भाई बनवास गए कौन भाई बनवास गए
आज महामंगल कोसलपुर दसरथ के सुत चार भए

आज महामंगल कोसलपुर दसरथ के सुत चार भए

भरत भाई को राज मिले हो भरत भाई को राज न हो
राम लखन बनवास गए राम लखन बनवास गए
आज महामंगल कोसलपुर दसरथ के सुत चार भए

आज महामंगल कोसलपुर दसरथ के सुत चार भए