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दस मौतें / विजयशंकर चतुर्वेदी

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पहला तीखा बहुत खाता था इसलिए मर गया
दूसरा मर गया भात खाते-खाते
तीसरा मरा कि दारू की थी उसे लत
चौथा नौकरी की तलाश में मारा गया

पाँचवें को मारा प्रेमिका की बेवफ़ाई ने
छठवाँ मरा इसलिए कि वह बनाना और सजाना चाहता था घर
सातवाँ सवाल करने के फेर में मारा गया

आठवाँ प्यासा मरा भरे समुद्र में
नौंवाँ नंगा था इसलिए शर्म से मरा ख़ुद-ब-ख़ुद
दसवाँ मरा इसलिए कि कोई वजह नहीं थी उसके जीने की ।