उसने जब बोलना न सीखा था
उसकी हर बात मैं समझती थी
अब वो शाइर बना है माने-ख़ुदा
लेकिन अफ़सोस कोई बात उसकी
मेरे पल्ले ज़रा नहीं पड़ती
उसने जब बोलना न सीखा था
उसकी हर बात मैं समझती थी
अब वो शाइर बना है माने-ख़ुदा
लेकिन अफ़सोस कोई बात उसकी
मेरे पल्ले ज़रा नहीं पड़ती