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दिया है खुदा ने खूब खुसी करो ग्वाल कवि / ग्वाल
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दिया है खुदा ने खूब खुसी करो ग्वाल कवि,
खाव पियो,देव लेव, यहीं रह जाना है.
राजा राव उमराव केते बादशाह भए,
कहाँ ते कहाँ को गए,लग्यो न ठिकाना है.
ऐसी जिंदगानी के भरोसे पै गुमान ऐसे,
देस देस घूमि घूमि मन बहलाना है.
आए परवाना पर चलै न बहाना यहाँ,
नेकी कर जाना,फेर आना है न जाना है.