दिल किसी का न दुखाया जाये
हाथ से हाथ मिलाया जाये
अंजुमन में ख़ुदा के बंदों की
बिन बुलाये कभी जाया जाये
बिना सोचे कभी वादा न करें
ग़र करें उसको निभाया जाये
दिल के रिश्ते अज़ीम होते हैं
उम्र भर इनको निभाया जाये
दूर बस्ती से हैं परिन्दे जो
फिर उन्हें ढूंढ के लाया जाये
आओ सजदा करें शिवाला में
शंख मस्जिद में बजाया जाये
बो दिये जायें बीज उल्फ़त के
प्यार का बाग लगाया जाये
छोड़कर कश्तियाँ समन्दर में
नाखुदा रब को बनाया जाये
बाप माँ से भी वतन है बढ़कर
कर्ज अब उसका चुकाया जाये