दिल के ज्जबात / मंगली आला शायर
मेरी जिंदगी म्हं एक शहजादी आई थी मैं भी उसके ख्याला म्हं खोग्या था
वा लागै थी मनै प्यार तै भी प्यारी मैं अपनी सुध बुध खोग्या था
मैं होग्या था पागल—सा चारों तरफ मनै उसका चेहरा दिखै है
जब भी याद आवै है उस शहजादी की यो मंगाली आला शायर अपने दिल के ज्जबात लिखै है
जब उसकी याद सतावै है राता न मेरी आँख रो-रो के लाल होण लागरी है
मैं तो काल भी साच्चा था और आज भी साच्चा हूँ वा गैरा की बायाँ मैं सोण लागरी है
वा टोण लागरी है मनै भूल के रास्ते पर यो छोरा आज भी अपने हाथा प उसका नाम लिखै है
जब भी याद आवै है उस शहजादी की यो मंगाली आला शायर अपने दिल के ज्जबात लिखै है
मनै तो दिल काड के दर दिया था उसके हाथा म्हं पर उसनै मेरे प्यार की कदर नी जाणी
मेरा दिल भी टूटया वह चाँद भी रूठया मेरी आँख्या म्हं आग्या था पाणी
अधूरी रहगी मेरी कहानी उसके जाया बाद यो छोरा वे मीठी-मीठी याद लिखै है
जब भी याद आवै है उस शहजादी की यो मंगाली आला शायर अपने दिल के ज्जबात लिखै है