दिल है हमारा 
एक वीणा
दो तारों वाली वीणा 
एक तार में है 
कोलाहल ख़ुशी का 
और दूसरे में 
कराहता है दर्द 
और करती हैं 
भाग्य की दक्ष उँगलियाँ 
उस पर सतत् नाद 
आज विवाह के सरस गीत 
कल नीरस शोकगीत ।
दिल है हमारा 
एक वीणा
दो तारों वाली वीणा 
एक तार में है 
कोलाहल ख़ुशी का 
और दूसरे में 
कराहता है दर्द 
और करती हैं 
भाग्य की दक्ष उँगलियाँ 
उस पर सतत् नाद 
आज विवाह के सरस गीत 
कल नीरस शोकगीत ।