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दिव्य छवि / विलियम ब्लेक / अनिल जनविजय
Kavita Kosh से
क्रूरता रखती है मानव का दिल
मानव का चेहरा होता ईर्ष्या का
दिव्यता का मानव रूप है आतंक
गोपनीयता है मानव पोशाक तंग
मानव पोशाक जैसे ढले लोहे का गारा
मानव रूप है एक ढला हुआ अंगारा
मानव चेहरा भट्टी चारों तरफ़ से बन्द
और मानव दिल है एक भूखे का कण्ठ
अँग्रेज़ी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय
और लीजिए, अब पढ़िए यही कविता मूल अँग्रेज़ी में
William Blake
A DIVINE IMAGE
Cruelty has a Human Heart
And Jealousy a Human Face
Terror, the Human Form Divine
And Secrecy, the Human Dress
The Human Dress, is forged Iron
The Human Form, a fiery Forge.
The Human Face, a Furnace seal'd
The Human Heart, its hungry Gorge.
—William Blake