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दीठ / रचना शेखावत
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पल्लै राखी बांध्योड़ी
बा दीठ उण दिन री
नैणां रा च्यार आखरां में कैयोड़ी
रूंवां रा हजार कानां सूं सुण्योड़ी
जद खोली आ सौरम
बा बणगी बंधेज चूनड़ रो
अर छाबड़ियै पीळै रो
पल्लै राखी ही जकी दीठ।