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दीमक / मनोज श्रीवास्तव
Kavita Kosh से
दीमक
किताब में छपे पेड़ों का
कुछ नहीं बिगाड़ सकता
यह प्रदूषण,
बस,
दीमक से बचो
जो रेंग रहे हैं
किताब से लेकर
संसद तक.