Last modified on 15 अगस्त 2019, at 00:30

दीया प्रेम के जलाओगा / विमल तिवारी

मया के बाती ले के
दीया प्रेम के जलाओगा

घर घर गली गांव
मिर जुल के सबझन।

दीया प्रेम के जलाओगा।
अज्ञान ल मिटाये बर

अंधकार ला भगाये बर
सहयोग ला बढ़ाये भर

प्रेम के दीया जलाओगा।
जगमग अंजोर करव

भेदभाव ला दूर करव।
गांव के भाग ला जगाओगा

प्रेम के दीया जलाओगा
सबके साथी दीया हे

सबके घर म बरे।
अंजोर करे बर

नई देखे छोटे बड़े।
सबके जिनगी म

अंजोर बगराये बार
दीया जलगें

दीया प्रेम के जलाओगा।