दुनिया में वह बशर नहीं।
जिसमें कोई हुनर नहीं।।
मंजिल जिसके पास न हो,
ऐसा  कोई  सफ़र  नहीं।।
दन्द-फन्द  में  नामाहिर,
उसकी सुख से बसर नहीं।।
क़दम  सफलता  चूमेगी,
ग़र कोशिश में कसर नहीं।।
सीख उसे देने से क्या?
जिस पर इसका असर नहीं।।
अगर-मगर में फँसने पर,
आसाँ रहती डगर नहीं।।