भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
दुनिया में है ख़ूब अलग अभिमान तिरंगा झंडे का / सुजीत कुमार 'पप्पू'
Kavita Kosh से
दुनिया में है ख़ूब अलग अभिमान तिरंगा झंडे का,
आओ हम सब मिलकर गाएँ गान तिरंगा झंडे का।
सबसे अच्छा सबसे न्यारा है सबका प्यारा-प्यारा,
मरते दम तक थाम रखेंगे मान तिरंगा झंडे का।
देश-दुलारा, भारत माँ की आंखों का भी है तारा,
झुकने न कभी देंगे जग में शान तिरंगा झंडे का।
हिंदू-मुस्लिम, सिख-ईसाई रहते सब भाई-भाई,
करते हैं सम्मान सभी इंसान तिरंगा झंडे का।
गौरवमय जब लहराता है याद बहुत कुछ आता है,
बच्चा-बच्चा गाता है जयगान तिरंगा झंडे का।