भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
दुश्मन की पहचान / अहमेद फ़ौआद नेग़्म / राजेश चन्द्र
Kavita Kosh से
हम जानते हैं
किसने अपमानित
किया है हमें
हमें यह भी मालूम है
कि हम कौन हैं।
हम इकट्ठा होते हैं
मज़दूरों, किसानों
और छात्रों के रूप में,
हमारा समय आ गया है
और हम बढ़ते ही जाएँगे
आगे की ओर
उस सड़क पर
जहाँ से वापसी सम्भव नहीं
मुक्ति का सूरज हमारे क़रीब है
हम
साफ़-साफ़
देख पा रहे हैं उसे ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : राजेश चन्द्र