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दुसरोॅ सुख चुनियै तेॅ पहलोॅ वाला गिरलोॅ गेलै / अमरेन्द्र

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दुसरोॅ सुख चुनियै तेॅ पहलोॅ वाला गिरलोॅ गेलै
हेनैकेॅ हमरोॅ ई जिनगी मीत गुजरलोॅ गेलै
ओकरै पर रौबो यमदूतोॅ रोॅ चललोॅ छै बेसी
जे कि यमराजोॅ के लुग मौतोॅ सें डरलोॅ गेलै
हर बातोॅ में कसम खाय जे साथ निभाबै केरोॅ
घड़ी परीक्षा के ऐलै तेॅ वही मुकरलोॅ गेलै
हम्में बंधलोॅ छी जिनगी के एक घाट सें जेना
हमरा समझी केॅ सब्भे नाव पार उतरलोॅ गेलै
खड़ा कना होतियै सपना के कोनो ताजमहल भी
नीनियां माटी रं हेनोॅ जिनगिये भभरलोॅ गेलै
आय तलक कोय्यो नै ई राजोॅ केॅ जानें पारलै
जे भी गाबै लेॅ ऐलै, ऊ यहां चिकरलोॅ गेलै
आपनोॅ ई देशोॅ रोॅ शासन कर्रोॅ मुट्ठी हेनोॅ
कागजे जेन्होॅ अमरेन्द्रो तेॅ यैमें मुचरलोॅ गेलै

-28.11.91