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दु:ख / सरोज कुमार
Kavita Kosh से
दुःख
बड़े काम की चीज़ है!
दुःख न हो
तो कोई प्रभु को याद नहीं करेगा,
कोई किसी से
फ़रियाद नहीं करेगा!
सुख चालाक है
भटकाता है,
अपने पते पर कभी नहीं मिलता!
दुःख भोलाभाला है
दूसरों के पते पर भी
मिल जाया करता है!
दुःखी बने रहो
कोई ईर्ष्या नहीं करेगा,
सुखी हो गए
तो संसार नहीं सहेगा!
जिंदगी को जहाँ छूओ
घाव ही घाव हैं,
दुःख में, जिंदगी के
स्थायीभाव है!
दुःख अंतरंग है
सदा संग-संग है,
सुख तो है उच्छृंखल,
दुःख में तमीज़ है!
दुःख
बड़े काम की चीज़ है!