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देखलां अजव तमासा बाबू / छोटे लाल मंडल

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देखलां अजव तमासा वावू देखलां अजब तमासा हो,
भगवानों के कैद करी के चाभी राखै पूजारी हो॥टेक॥
कौनी कदर से चोरबा पेसलै एक दिन भगवन चोरी हो,
लाख टका में आंख कान विकलै तनमां वेचलकै कडोरी हो।

धातु निर्मित देव हमारे मुहो में कुछ नै बोली हो,
शायद गुंगा वहिरा समझि के मुल्ला वांग पूकारी हो।
पंडित जी नें वेद उच्चारे घंटी वजावै पूजारी हो,
पहरेदार छै हनुमत वीरा हाथें गदा छै भारी हो।

कोय भगवानों के झोली में राखै टांगै मोखा द्वारी हो,
पोथी शंख छै साथें साथ में आप करै रखवारी हों।
एक दिन वछिया वेग हवा में आग उठलै धंधकारी हो
आपनै भगलै जान वचाय के, जरलै झोली सारी हो।

चौराहे पर हनुमान जी नें करै सदा रखवारी हो,
एक दिन कामा विष्टा कैलकैं, लघडा तनमें सारी हों।
जव आपनै रक्षा नै करिहौ, की की जनता के दुखहारी हों
मन मानी भगति केरो लेखा मजाक करै वलकारी हों।

अल्लाह राम छै हर प्राणी में परमज्योति उजियारी हो,
हुनको वाणी गैवी धून छै होत नाद झनकारी हो।
झुठी भगति वैल विरानौ जनम मरन दुखभारी हो
कामिल मुशर््िद मिलैते वावू उवरैतवै जान हमारी हो।

साखी- संत के वाणी अटपटि सुनि के लागे आग
अगियानी ते जरी मरै गियानी संत के साथ
संत कहै समुझाय के, कामी मरलै वौराय के,
अंत भला ते सब भला, वांकी जीवन छै वला।