देखहोॅ देश के कर्णधार / सोहन कुमार सिन्हा
गल-गल-गल-गल नै करें, बड़का भेलैं बोलक्कर
बड़ोॅ-छोटोॅ सब भुलिये गेलैं, अपने खयभी लप्पर ।
मोंछ मुड़ैलें हीरो भेलैं, चलै छै तानी केॅ सीना
गुटका फाँकनें, सिगरेट धुकने, ताकै छैं ऐश्वर्या-करीना
पढ़ै के नाम पर बाप मरै छोॅ, मारें खाली अटक्कर
बड़ोॅ-छोटोॅ सब भुलिये गेलै, अपने खयभी लप्पर ।
अपने मोॅन मियाँ मिट्ठू भेलै, अफुआ-लफुआ के पिट्ठू भेलै
चाइये दोकान आब घर छौ तोरोॅ, काम-काज सें निखट्टू भेलै
करवैं खाली छौरी के खिस्सा, लेकिन बुझभीं अपना केॅ सुत्थर
बड़ोॅ-छोटोॅ सब भुलिये गेलै, अपने खयभी लप्पर ।
घोॅर में कहतौं काम तेॅ तोरा गोस्सा लागतौ
कहतौ करम छौ वाम तेॅ तोरा गोस्सा लागतौ
मार-पीट करलहीं, पुलिस खोजै छौ
के देलकौ तोहर नाम, तेॅ तोरा गोस्सा लागतौ
ओकरा पीछा बौखल घुरभीं, जे देतौ हाथ में चुक्कर
बड़ोॅ-छोटोॅ सब भुलिये गेलै, अपने खयभी लप्पर ।
बाप केॅ कहलियै बाप नहिये, पड़ोसी केॅ कहवैं चच्चा
के समझैतै से कि हम छी दुधपिया बच्चा
दिल्ली-पंजाब तेॅ बकलोलवा जाय छै, हम्में तेॅ छियै अच्छा
रंगवाजी सें दारू पीयै छै, लड़ जैतै जों कह देतौ पियक्कर
बड़ोॅ-छोटोॅ सब भुलिये गेलै, अपने खयभी लप्पर ।
युवाशक्ति देश के देखोॅ, घुन लगलै जिनका जुआनी में
देखिहोॅ देश के कर्णधार केॅ, लगावै आग-पानी में
वाह रे बुधियार ! बुझतें रहें तो अपना केॅ लाल बुझक्कर
बड़ोॅ-छोटोॅ सब भुलिये गेलै, अपने खयभी लप्पर ।