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देखो चाट वाला आया / कमलेश द्विवेदी

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देखो चाट वाला आया-देखो चाट वाला आया।
तरह-तरह की चाट देखकर सबका मन कितना ललचाया।

आओ-आओ राजा बेटा,
आओ-आओ रानी बिटिया।
आज तुम्हारी खातिर लाया,
गरम-गरम आलू की टिकिया।
खट्टी खाओ चाहे मीठी तरह-तरह की चटनी लाया।
देखो चाट वाला आया-देखो चाट वाला आया।

गोल-गोल गप्पे लाया हूँ,
इनका बहुत चटपटा पानी।
खुश्क-मुलायम खस्ते लाया,
इनकी बिलकुल अलग कहानी।
जिसने इनका स्वाद चख लिया मुझको भूल नहीं वह पाया।
देखो चाट वाला आया-देखो चाट वाला आया।

बनी पापड़ी बहुत कुरकुरी,
दही-बड़े भी बड़े-बड़े हैं।
इनके लिये लगाये लाइन,
देखो कितने लोग खड़े है।
जिसने चाट न खाई मेरी फिर वह बहुत-बहुत पछताया।
देखो चाट वाला आया-देखो चाट वाला आया।