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देर रात चिट्ठी डालने शहर तक जाना / राबर्ट ब्लाई / यादवेन्द्र
Kavita Kosh से
सर्द और बर्फ़ीली रात
सड़कें सुनसान, बे-आवाज़
चलते-फिरते मिले तो
आवारा बर्फ़ के भँवर
लेटरबॉक्स खोलते छू गई
ठण्ड से गलती लोहे की खिड़की ....
इस बर्फ़ीली रात का
निजी एकान्त
खूब लुभाता है मुझे
लौटते हुए घर जाऊँगा लम्बे रास्ते
कुछ और वक़्त जाया करूँगा
अपने साथ अकेले रहने में ....
अंग्रेज़ी से अनुवाद : यादवेन्द्र