भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
देवदार / सत्यनारायण स्नेही
Kavita Kosh से
धरती का
सबसे सुन्दर और
सजग प्रहरी है देवदार
जो खड़ा है पहाड़ पर
खुले आसमान में
हर मौसम के साथ।
देवदार है
पक्षियों का ठिकाना
जानवरों का आवास
पानी और पत्थर का प्यार
बादल का सखा
बर्फ़ और सूरज का प्रताप
ज़मीन का दुलार |
उम्रभर
प्रकृति को सजाए
अविचल खड़ा देवदार
सुंदरता है पहाड़ की
काटा जाता है
बिना मौत के
जलाता है चूल्हा
बनता है घर
लोग इसकी
फ़ोटो खींचते है
करते हैं
इसका दीदार
गर्मी से झुलसे
आदमी को
इसकी छांव में
सुकून मिलता है
यही देवदार
जब आग होता है
तो इतना खतरनाक
होता है
कि
जला देता है
सभी कुछ
ज़मीन समेत